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8 July 2017

सोलन जिले का इतिहास।

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1948 में सोलन महासू जिले का भाग था। 1972 में सोलन को अलग जिला बनाया गया था। सोलन जिला कई छोटी छोटी रियासतों और ठाकुराइयों से मिलकर बना है। जो इस प्रकार से है

भादल रियासत -इस रियासत की नीव राजकुमार अजय देव ने 13 वीं शताब्दी में रखी।

कुनिहार रियासत -इसकी स्थापना जम्मू के निवासी अमोज देव ने 1154 ई में की और हाटकोटी अपनी राजधानी बनाया।

बघाट रियासत -इसकी स्थापना बसंतपाल ने 13 वीं सदी में की इसकी राजधानी बसंतपुर (बस्सी ) थी यह रियासत सोलन से सबाथू और कसौली तक फैली थी।

कुठाड़ रियासत -इसकी नींव सुरतचंद ने रखी यह रियासत सपाटू के निकट फैली थी। छोटी रियासत होने के कारण इस पर क्योंथल ,बिलासपुर और नालागढ़ का अधिकार था।

महलोग रियासत -इसकी स्थापना हरिचन्द्र ने 12 वीं सदी में की जिनसे पटा को अपनी राजधानी बनाया था। यह रियासत कुठाड़ और नालागढ़ की बीच फैली थी। अब यह रियासत कसौली का भाग है।

हिंदूर रियासत -अजय चंद ने 1100 ई में हिन्दूर (नालागढ़ ) की स्थापना की। आलम चंद ने मंगोल शासक  तैमूर लंग का भब्य स्वागत किया और तैमूर हिन्दूर को विना नुकसान पहुँचाए आगे बढ़ गया।  इस रियासत को 1948 में पंजाब में मिलाया गया और बाद में 1966 में इसे सोलन में मिलाया गया।

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