लाहौल स्पिती के मंदिर
°त्रिलोकीनाथ मंदिर -यह उदयपुर में है। इस मंदिर में अविलोकितेश्वर की मूर्ति है।
°मृकुला देवी का मंदिर -यह मंदिर भी उदयपुर में है। इस का निर्माण अजय वर्मन करवाया था।
°ताम्बो मठ बौद्ध -इस मठ का निर्माण 996 ई. में किया गया था। इस मठ को हिमाचल का अजन्ता भी कहा जाता है।
सोलन जिले के मंदिर
°शूलिनी माता मंदिर -यहाँ पर शूलिनी मंदिर फेमस है। यह शूलिनी माता का मंदिर है। शुलनी माता के नाम पर ही सोलन का नामकरण हुवा है।
ऊना के फेमस मंदिर
°चिंतपूर्णी मंदिर -यह ऊना का फेमस मंदिर है।
°बाबा बडभाग सिंह -बाबा बडभाग डेरा ऊना के अम्ब से 10 KM दूर मैडी में है।
बिलासपुर के फेमस मंदिर
°नैना देवी -इस मंदिर का निर्माण बीर चंद ने किया था। यह मंदिर बिलासपुर का सबसे फेमस मंदिर है।
हमीरपुर के फेमस मंदिर
°गसोता- मंदिर हमीरपुर का फेमस मंदिर है।
°गौरी शंकर मंदिर -इस मंदिर का निर्माण राजा संसार चंद ने किया था। यह सुजानपुर टिहरा में है।
°मुरली मनोहर मंदिर -इस मंदिर का निर्माण राजा संसार चंद ने किया था। यह सुजानपुर टिहरा में है।
°नर्बदेश्वर मंदिर - यह सुजानपुर टिहरा में है।यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण राजा संसार चंद ने किया था।
°बाबा बालक नाथ का मंदिर -यह भी हमीरपुर का फेमस मंदिर है। यह मंदिर दियोटसिद्ध में है।
सिरमौर के फेमस मंदिर
°गायत्री मंदिर -यह मंदिर रेणुका में स्थित है। इस का निर्माण महात्मा पराया नन्द ब्रहमचारी ने किया था।
°जगनाथ मंदिर -इस का निर्माण 1681 ई. में राजा बुद्धप्रकाश ने किया था।
°त्रिलोकपुर मंदिर -इस मंदिर का निर्माण 1573 ई. में दीप प्रकाश करवाया था। यह मंदिर माता बाला सुंदरी को समर्पित है।
°शिरगुल मंदिर -यह मंदिर चूरधार में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिरगुल को समर्पित है।
चम्बा के मंदिर
°शक्ति देवी मंदिर -यह चम्बा के छतराड़ी में है। यह मंदिर मेरु वर्मन ने गुगा से बनवाया था।
°लक्षणा देवी मंदिर-यह भरमौर में है। यह मंदिर महिषासुर मर्दिनी मान दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर मेरु वर्मन द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर की मूर्ति अष्टधातु की बनी है।
°मणिमहेश मंदिर -यह भगवान् शिव को समर्पित है। इस का निर्माण मेरु वर्मन ने करवाया था।
°गणेशा मंदिर -यह मंदिर मेरु वर्मन द्वारा बनवाया गया था।
°नरसिंह मंदिर -यह भरमौर में है। यह मंदिर भगवान् नरसिंह को समर्पित है। यह मंदिर त्रिभुवन देवी द्वारा बनवाया गया था।
°हरिराय मंदिर - यह मंदिर भगवान् विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर में विष्णु की चतुर्मुखी मूर्ति लगी है। इस का निर्माण लक्ष्मण वर्मन ने 11 वीं सदी में किया गया था।
°लक्ष्मीनरायन मंदिर -इस का निर्माण साहिल वर्मन ने करवाया था। यह मंदिर 6 मंदिरों का समूह है।
काँगड़ा के मंदिर
°ज्वालामुखी मंदिर -इस मंदिर में ज्वाला हमेशा जलती रहती है।
°ब्रजेश्वरी मंदिर -इस मंदिर को महमूद गजनवी ने तोडा था।
°मसरूर मंदिर -यह गगल नगरोटा सूरियां मार्ग पर है। यह मंदिर कश्मीर के राजा ललितद्वितय ने बनवाया था।
°बैजनाथ मंदिर -यह भगवान् शिव को समर्पित है। यह मंदिर म्यूक और आहुक नामक दो ब्यापारियों ने बनवाया था। यह काँगड़ा के बैजनाथ नामक स्थान पर है।
मंडी के मंदिर
°भूतनाथ मंदिर -को मंडी के राजा अजबरसेन ने बनवाया था। यह मंदिर अर्धनारीश्वर को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 1527 में बनवाया गया था।
°श्यामा काली मंदिर -इस मंदिर को राजा श्यामसेन ने बनवाया था।
°पराशर मंदिर -इस को राजा बाण सेन ने 1346 में बनवाया था।
°मगरूमहादेव मंदिर -यह सराज घाटी में है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
° ममलेश्वर महादेव मंदिर -यह करसोग में है। यह शिव को समर्पित है।
° मांहूनाग मंदिर -यह मंदिर करसोग से ३०-35 KM दूर माहूंनाग में है।
° कामाक्षा मंदिर -करसोग के काओ नामक स्थान में है।
° पंचवकत्र मंदिर -यह मंदिर मंडी में है।
° त्रिलोकीनाथ मंदिर -यह मंदिर मंडी में है।
° अर्धनारीश्वर मंदिर -यह मंदिर मंडी में है।
कुल्लू के मंदिर
°बिजली महादेव मंदिर -यह ब्यास नदी के किनारे कुल्लू से 14- 15 KM दूर है।
°हिडिम्बा देवी मंदिर -यह मनाली से 3 KM मीटर दूर ढुंगरी में है। इस का निर्माण 1353 में बहादुर सिंह द्वरा किया गया। यहां पर हर साल ढुंगरी मेला लगता है।
°बजौरा मंदिर -यह कुल्लू के बजौरा नामक स्थान पर है। यह मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है।
°जामलू मंदिर -कुल्लू के मलाणा में स्थित है। यह मंदिर जमदग्निऋषि को समर्पित है।
°रघुनाथ मंदिर -यह मंदिर राजा जगत सिंह ने बनाया था।
°कार्तिकेय मंदिर -यह मंदिर शिव के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। यह मंडी और कुलु के बीच में कमखल नामक स्थान पर है।
शिमला के मंदिर
°तारा देवी मंदिर -यह शिमला से 5 KM दूर तारा देवी नामक स्थान पर है। यहाँ पर तारा देवी की अष्टधातु की 18 भुजाओं वाली मूर्ति है।
°भीमाकाली मंदिर -यह सराहन में है। सराहन को पहले शोणितपुर कहा जाता था।
°हाटकोटी मंदिर -यह रोहडू के हाटकोटी में स्थित है। यहाँ दुर्गा की अष्टधातु की अष्टभुजा वाली मूर्ति है
°जाखू मंदिर -यह जाखू नामक स्थान पर है। यह मंदिर हनुमान को समर्पित है।
°कामना देवी मंदिर -यह मंदिर प्रॉस्पेक्ट हिल में स्थित है।
°कालीबाड़ी मंदिर -यह मंदिर माता काली को समर्पित है।
°सूर्य मंदिर -यह मंदिर शिमला के नीरथ में है। यह मंदिर सूर्यदेव को समर्पित है।
°त्रिलोकीनाथ मंदिर -यह उदयपुर में है। इस मंदिर में अविलोकितेश्वर की मूर्ति है।
°मृकुला देवी का मंदिर -यह मंदिर भी उदयपुर में है। इस का निर्माण अजय वर्मन करवाया था।
°ताम्बो मठ बौद्ध -इस मठ का निर्माण 996 ई. में किया गया था। इस मठ को हिमाचल का अजन्ता भी कहा जाता है।
सोलन जिले के मंदिर
°शूलिनी माता मंदिर -यहाँ पर शूलिनी मंदिर फेमस है। यह शूलिनी माता का मंदिर है। शुलनी माता के नाम पर ही सोलन का नामकरण हुवा है।
ऊना के फेमस मंदिर
°चिंतपूर्णी मंदिर -यह ऊना का फेमस मंदिर है।
°बाबा बडभाग सिंह -बाबा बडभाग डेरा ऊना के अम्ब से 10 KM दूर मैडी में है।
बिलासपुर के फेमस मंदिर
°नैना देवी -इस मंदिर का निर्माण बीर चंद ने किया था। यह मंदिर बिलासपुर का सबसे फेमस मंदिर है।
हमीरपुर के फेमस मंदिर
°गसोता- मंदिर हमीरपुर का फेमस मंदिर है।
°गौरी शंकर मंदिर -इस मंदिर का निर्माण राजा संसार चंद ने किया था। यह सुजानपुर टिहरा में है।
°मुरली मनोहर मंदिर -इस मंदिर का निर्माण राजा संसार चंद ने किया था। यह सुजानपुर टिहरा में है।
°नर्बदेश्वर मंदिर - यह सुजानपुर टिहरा में है।यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण राजा संसार चंद ने किया था।
°बाबा बालक नाथ का मंदिर -यह भी हमीरपुर का फेमस मंदिर है। यह मंदिर दियोटसिद्ध में है।
सिरमौर के फेमस मंदिर
°गायत्री मंदिर -यह मंदिर रेणुका में स्थित है। इस का निर्माण महात्मा पराया नन्द ब्रहमचारी ने किया था।
°जगनाथ मंदिर -इस का निर्माण 1681 ई. में राजा बुद्धप्रकाश ने किया था।
°त्रिलोकपुर मंदिर -इस मंदिर का निर्माण 1573 ई. में दीप प्रकाश करवाया था। यह मंदिर माता बाला सुंदरी को समर्पित है।
°शिरगुल मंदिर -यह मंदिर चूरधार में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिरगुल को समर्पित है।
चम्बा के मंदिर
°शक्ति देवी मंदिर -यह चम्बा के छतराड़ी में है। यह मंदिर मेरु वर्मन ने गुगा से बनवाया था।
°लक्षणा देवी मंदिर-यह भरमौर में है। यह मंदिर महिषासुर मर्दिनी मान दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर मेरु वर्मन द्वारा बनाया गया था। इस मंदिर की मूर्ति अष्टधातु की बनी है।
°मणिमहेश मंदिर -यह भगवान् शिव को समर्पित है। इस का निर्माण मेरु वर्मन ने करवाया था।
°गणेशा मंदिर -यह मंदिर मेरु वर्मन द्वारा बनवाया गया था।
°नरसिंह मंदिर -यह भरमौर में है। यह मंदिर भगवान् नरसिंह को समर्पित है। यह मंदिर त्रिभुवन देवी द्वारा बनवाया गया था।
°हरिराय मंदिर - यह मंदिर भगवान् विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर में विष्णु की चतुर्मुखी मूर्ति लगी है। इस का निर्माण लक्ष्मण वर्मन ने 11 वीं सदी में किया गया था।
°लक्ष्मीनरायन मंदिर -इस का निर्माण साहिल वर्मन ने करवाया था। यह मंदिर 6 मंदिरों का समूह है।
काँगड़ा के मंदिर
°ज्वालामुखी मंदिर -इस मंदिर में ज्वाला हमेशा जलती रहती है।
°ब्रजेश्वरी मंदिर -इस मंदिर को महमूद गजनवी ने तोडा था।
°मसरूर मंदिर -यह गगल नगरोटा सूरियां मार्ग पर है। यह मंदिर कश्मीर के राजा ललितद्वितय ने बनवाया था।
°बैजनाथ मंदिर -यह भगवान् शिव को समर्पित है। यह मंदिर म्यूक और आहुक नामक दो ब्यापारियों ने बनवाया था। यह काँगड़ा के बैजनाथ नामक स्थान पर है।
मंडी के मंदिर
°भूतनाथ मंदिर -को मंडी के राजा अजबरसेन ने बनवाया था। यह मंदिर अर्धनारीश्वर को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 1527 में बनवाया गया था।
°श्यामा काली मंदिर -इस मंदिर को राजा श्यामसेन ने बनवाया था।
°पराशर मंदिर -इस को राजा बाण सेन ने 1346 में बनवाया था।
°मगरूमहादेव मंदिर -यह सराज घाटी में है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
° ममलेश्वर महादेव मंदिर -यह करसोग में है। यह शिव को समर्पित है।
° मांहूनाग मंदिर -यह मंदिर करसोग से ३०-35 KM दूर माहूंनाग में है।
° कामाक्षा मंदिर -करसोग के काओ नामक स्थान में है।
° पंचवकत्र मंदिर -यह मंदिर मंडी में है।
° त्रिलोकीनाथ मंदिर -यह मंदिर मंडी में है।
° अर्धनारीश्वर मंदिर -यह मंदिर मंडी में है।
कुल्लू के मंदिर
°बिजली महादेव मंदिर -यह ब्यास नदी के किनारे कुल्लू से 14- 15 KM दूर है।
°हिडिम्बा देवी मंदिर -यह मनाली से 3 KM मीटर दूर ढुंगरी में है। इस का निर्माण 1353 में बहादुर सिंह द्वरा किया गया। यहां पर हर साल ढुंगरी मेला लगता है।
°बजौरा मंदिर -यह कुल्लू के बजौरा नामक स्थान पर है। यह मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है।
°जामलू मंदिर -कुल्लू के मलाणा में स्थित है। यह मंदिर जमदग्निऋषि को समर्पित है।
°रघुनाथ मंदिर -यह मंदिर राजा जगत सिंह ने बनाया था।
°कार्तिकेय मंदिर -यह मंदिर शिव के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। यह मंडी और कुलु के बीच में कमखल नामक स्थान पर है।
शिमला के मंदिर
°तारा देवी मंदिर -यह शिमला से 5 KM दूर तारा देवी नामक स्थान पर है। यहाँ पर तारा देवी की अष्टधातु की 18 भुजाओं वाली मूर्ति है।
°भीमाकाली मंदिर -यह सराहन में है। सराहन को पहले शोणितपुर कहा जाता था।
°हाटकोटी मंदिर -यह रोहडू के हाटकोटी में स्थित है। यहाँ दुर्गा की अष्टधातु की अष्टभुजा वाली मूर्ति है
°जाखू मंदिर -यह जाखू नामक स्थान पर है। यह मंदिर हनुमान को समर्पित है।
°कामना देवी मंदिर -यह मंदिर प्रॉस्पेक्ट हिल में स्थित है।
°कालीबाड़ी मंदिर -यह मंदिर माता काली को समर्पित है।
°सूर्य मंदिर -यह मंदिर शिमला के नीरथ में है। यह मंदिर सूर्यदेव को समर्पित है।