Menu

Drop Down MenusCSS Drop Down MenuPure CSS Dropdown Menu

26 August 2018

हिंदी व्याकरण Quiz-HND-21

कारक

इसमें शब्दांश होते है। जो वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा, सर्वनाम को आपस में जोड़ते है।

जैसे - राम ने रावण को सत्य की रक्षा के लिए लंका में मारा।

कारक में विभक्ति चिन्ह को परसर्ग कहते हैं -
कारक    विभक्ति परसर्ग
कर्ता    ने(भूतकाल में)
कर्म    को
करण    से, के द्वारा(साधन का अर्थ)
सम्प्रदान    को, के लिए
अपादान    से अलग होने के अर्थ

अधिकरण    में,पर
सम्बन्ध    का के की रा रे री, ना ने नी
सम्बोधन    हे!, अरे!, ओ!

कर्ता - क्रिया करने वाले को कर्ता कहते है। बिना कर्ता के क्रिया सम्भव नही है यह कर्ता प्रायाचेतन होता है।

जैसे - राम पढ़ता है।

प्राकृतिक शक्ति या पदार्थ भी कर्ता के रूप में हो सकते है।

जैसे सूर्य चमकता है, बादल गरजते है।

ने परसर्ग का प्रयोग भूतकाल सर्कमक क्रियाओं में होता है।

राम ने पाठ पढ़ा, मोहन ने गीत गाया।

भूतकालीन अर्कमक क्रियाओं में ने परसर्ग का प्रयोग नही होता है।

सोहन गया था।, राधा सो रही थी।

कर्म कारक - क्रिया का प्रभाव या फल जिस संज्ञा, सर्वनाम पर पड़ता है।

जैसे - रजन ढोलक बजा रहा है।

कर्म की पहचान - वाक्य में कर्म की पहचान करने के लिए क्या तथा किसको लगाकर प्रश्न करने पर यदि सरलता से उत्तर की प्राप्ति हो जाये तो वही उत्तर कर्म कारक कहलाता है।

करण कारक - इसका अर्थ है साधन। संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप की सहायता से क्रिया सम्पन्न होती है उसे करण कारक कहते हैं।

जैसे - मैंने पेंसिल से लिखा, उसे पत्र द्वारा सूचित करो।

सम्प्रदान कारक - जिनके लिये क्रिया की जाती है जिसे कुछ दिया जाता है।

जैसे - अध्यापकों ने छात्रों के लिए पाठ पढ़ा। पिताजी ने भिखारी को पैसे दिये।

अपादान कारक- यह अलगाव(अलग होने के भाव) के भाव को प्रकट करता है। संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से अलग होने का भाव प्रकट होता है

जैसे -वह कल ही दिल्ली से लौटा है।, वह घर से कई बार भाग चुका है।

अधिकरण कारक- क्रिया होने के स्थान और काल को बताने वाला कारक है। में, पर के ऊपर , के अन्दर, के बीच में ,के मध्य।

जैसे - माताजी चारपाई के ऊपर बैठी है।, घर के भीतर दरवाजा है।, मेरे सिर में दर्द है।

सम्बध कारक - वाक्य में प्रयुक्त एक संज्ञा का सम्बध दुसरी संज्ञा या सर्वनाम से बतलाते है

जैसे - मनोज का लेख सुन्दर है।, राम की माता जी आ रही है।, उसकी बातों पर ध्यान मत दो। महेश के भाई को भेजो।

सम्बोधन कारक - संज्ञा के जिस रूप से किसी को पुकारा, बुलाया, सुनाया या सावधान किया जाये।

हे राम! मेरी रक्षा करो।, सावधान! आगे खतरनाक मोड़ है

No comments:

Post a Comment

Do leave your comment.