हिमाचल हाईकोर्ट ने पीटीए शिक्षकों को नियमित करने संबंधित राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि पीटीए अध्यापकों का नियमितीकरण अदालत के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल ने बीते दिनों पीटीए शिक्षकों को नियमित करने को मंजूरी दी थी। मामले पर सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने मामले में सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाबतलब
किया है।याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार पीटीए अध्यापकों को नियमित करने का सरकार का फैसला सरासर गलत है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में पीटीए अध्यापकों के बारे कोई जिक्र नहीं है। पीटीए अध्यापकों को नियमित करना भर्ती के नियमों का उल्लंघन करना है। मामले में पीटीए शिक्षक संघ और कुछ पीटीए शिक्षकों को भी प्रतिवादी बनाया गया है। गौरतलब कि लंबे संघर्ष के बाद कुछ समय पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था। इसके आधार पर राज्य मंत्रिमंडल ने इन शिक्षकों को नियमित करने का फैसला लिया है।