संज्ञा
परिभाषा : जिन शब्दों में किसी वस्तु, प्राणी, स्थान, आदि की जाति, नाम विशेष तथा भाव का बोध होता है, उन्हें संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के भेद:
व्यक्तिवाचक संज्ञा
परिभाषा: जिन शब्दों में किसी व्यकिा, वस्तु स्थान,प्राणी आदि के नाम का बोध होता है, उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है।
उदाहरण:
- कुत्ता वफादार पशु है।
- श्याम रोज रामायण का पाठ पढ़ता है।
तथ्य: व्यक्तिवाचक संज्ञाओं में हम निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल करके उनकी पहचान सरल बना सकते हैं-
- सभी व्यक्तियों (पुरुष एवं स्त्री) के नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा होते हैं ।
- सभी स्थानों के नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा होते हैं।
- सभी नदियों के नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा होते हैं।
- सभी देशों व महादेशों के नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा होते हैं।
- सभी दिनों व महीनों के नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा होते हैं।
- सभी पर्वतों के नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा होते हैं।
- सभी पुस्तकों के नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा होते हैं।
- सभी ग्रह-नक्षत्रों के नाम व्यक्तिवाचक संज्ञा होते हैं।
जातिवाचक संज्ञा:
परिभाषा : जिन शब्दों में किसी जाति का बोध हो, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण: कोलकाता में आज तक इतनी स्त्रियाँ एक साथ गिरफ्तार नहीं की गई थीं।
तथ्य:
- सभी फलों के नाम जातिवाचक संज्ञा होते हैं।
- सभी सब्जियों के नाम जातिवाचक संज्ञा होते हैं।
- सभी फूलों के नाम जातिवाचक संज्ञा होते हैं।
- सभी खाद्यानों के नाम जातिवाचक संज्ञा होते हैं।
- सभी वस्त्रों के नाम जातिवाचक संज्ञा होते हैं।
- सभी यातायात के साधनों के नाम जातिवाचक संज्ञा होते हैं
- सभी स्टेशनरी की वस्तुएँ जातिवाचक संज्ञा में आती हैं।
- सभी प्राकृतिक आपदाएं जातिवाचक संज्ञा में शामिल हैं।
(क) द्रव्यवाचक संज्ञा : जिन शब्दों में किसी धातु एवं तरल पदार्थो का बोध होता है, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण:
- बाजार से दूध ले आओ।
- भेड़ से ऊन प्राप्त होती है।
(ख) समूहवाचक संज्ञा: जिन शब्दों में किसी समूह का बोध होता है, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं
उदाहरण :
- सेना देश की रक्षा करती है।
- कक्षा में सभी विद्यार्थी उपस्थित थे।
समूहवाचक और द्रव्यवाचक संज्ञा भेद जातिवाचक संज्ञा से विकसित हुए।
भाववाचक संज्ञा
परिभाषा :जिन शब्दों में किसी गुण, दशा,स्वभाव, कार्य-दोष आदि भावों का बोध होता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं
उदाहरण:
- मुझे परीक्षा में प्रथम आने की आशा है।
- क्रोध मनुष्य के विवेक को नष्ट कर देता है।
संज्ञा प्रयोग संबंधी सावधानियां:
कभी-कभी व्यक्तिवाचक संज्ञाओं का प्रयोग जातिवाचक संज्ञा के रूप में किया जाता है।
उदाहरण: आज भी भारत में सीता और सावित्री की कमी नहीं है। यहां सीता और सावित्री दोनों ही व्यक्तिवाचक संज्ञाए हैं। लेकिन इनका प्रयोग अच्छे गुणों वाली स्त्रियों के रूप में किया। अतः सीता और सावित्री व्यक्तिवाचक संज्ञा न रहकर जातिवाचक संज्ञा बन गईं हैं।
- आज भी हमारे देश मे जयचंदों की कमी नहीं है।
- वह तो विभीषण निकला ।
- आज हमारे देश को अर्जुनों और भीमों की आवश्यकता है।
कभी-कभी जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में किया जाता है।
जब कोई जातिवाचक संज्ञा सम्पूर्ण जाति का बोध न कराके किसी व्यक्ति विशेष का बोध कराए तो वह जातिवाचक न रहकर व्यक्तिवाचक संज्ञा बन जाती है।
उदाहरण :
- गांधीजी राष्ट्रपिता कहलाए।
- नेताजी ने आजाद हिंद फौज का गठन किया।
- महात्मा गांधी जी ने भारत को स्वतंत्र कराया।
ध्यान रहे :- कभी-कभी व्यक्तिवाचक संज्ञा का प्रयोग जातिवाचक तथा जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग व्यक्तिवाचक संज्ञा की भांति होता है।
जैसे :- मोदी भारत का नेल्सन मंडेला है। यहाँ मोदी व्यक्तिवाचक होते हुए भी जातिवाचक संज्ञा की भाँति प्रयुक्त हुआ है। क्योंकि यहाँ मोदी का अर्थ केवल एक व्यक्ति से है जो नेल्सन मंडेला की तरह शांतिप्रिय है।
भाववाचक संज्ञा का निर्माण
जातिवाचक संज्ञाओं से भाववाचक संज्ञा का निर्माण
जातिवाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञा
इंसान इन्सानियत
गुरु गौरव, गुरूता; गुरूत्व
भ्राता भ्रातृत्व, भ्रातृभाव
कारीगर। कारीगरी
पुरुष पुरुषत्व, पौरूष
नृप नृपत्व
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा का निर्माण
सर्वनाम भाववाचक संज्ञा
अपना अपनत्व
मम ममत्व, ममता
अहम् अहंकार
पराया परायापन
अपना अपनत्व/अपनापन
सर्व सर्वस्व
विशेषण से भाववाचक संज्ञा का निर्माण
विशेषण भाववाचक संज्ञा
सुंदर सुंदरता
वीर वीरता/वीरत्व
धीर धीरता/धैर्य
ललित ललित्य
पण्डित पाण्डित्य
क्रिया से भाववाचक संज्ञा का निर्माण
क्रिया संज्ञा शब्द
काटना कटाई
सोना स्वप्न
बनाना बनावट
पराजित पराजय
पहनना पहनाना
जाग्रत होना जागृति
विस्मयादिबोधक से भाववाचक संज्ञा का निर्माण
विस्मयादिबोधक भाववाचक संज्ञा
वाह-वाह वाहवाही
हा - हा हाहाकार