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25 November 2018

Trick to learn-भारतीय संविधान के विदेशी स्त्रोत

Dear Aspirants 
Welcome to visit hpexamsadda.blogspot.in. Today we are providing you hot topic of competitive exams. Every time questions are asked from this topic only. So we will learn with trick. You just read it once, and never be forgot. Let's start:

एक बार कुछ देश के लोग बैठकर आपस में बातेंकर रहे थे. भारत की तरफ से संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर चुप-चाप सुन रहे थे. बातें कुछ इस प्रकार हो रही थी.

ब्रिटेन :- पूरे देश पे मेरा कब्जा था इसलियेसंसद का निर्माण हम अकेले करेंगे.
(संसदीय प्रणाली, विधि निर्माण, एकल नागरिकता)

‪अमेरीका :- नहीं मेरे पास संयुक्तराष्ट्र संघ है. इसलिए लोगों को न्याय औरस्वतंत्रता दिलाना मेरा अधिकार है.
(न्यायिक, स्वतंत्रता का अधिकार और मौलिक अधिकार)

‪जर्मनी :- तुम लोग हमें विश्व युद्ध में हराए हो इसलिए पहले मैं आपातकाल घोषित करुंगा
(आपातकाल का सिद्धांत)


‪फ्रांस :- मैं तो पहले से ही गणत्रंत वाला देश हूं ये तो तुम सब जानते ही हो.
(गणत्रंतात्मक शासन व्यवस्था)

‪कनाडा :- तुम लोग को जो करना हो करो. मैं एक शक्तिशाली देश हूं मैं तो शक्ति का बंटवारा करके अपनी सुरक्षा कर लूंगा.
(राज्यों में शक्ति का विभाजन)

आयरलैंड :- अरे यार! तुम लोग की नीति निर्देश तो मेरे कुछ समझ में ही नहीं आ रहे हैं.
(नीति निदेशक तत्व)

‪ऑस्ट्रेलिया :- मैं विश्व कप क्रिकेट में हमेशा सूची नंबर-1 पर रहा हूं.
(समवर्ती सूची)

‪दक्षिणअफ्रीका :- पर मैं इतना अच्छा खेलने के बाद भी आजतक सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच पाया. शायद हमें अपने खेल में कुछ संशोधन की जरुरत है.
(संविधान संशोधन की प्रक्रिया)

‪रूस :- भारत मेरा दोस्त है और उसकी मदद करना हमारा मूल कर्तव्य है.
(मूल कर्तव्य)

Note : भारतीय संविधान के अनेक देशी और विदेशी स्त्रोत हैं, लेकिन भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव ‘भारतीय शासन अधिनियम: 1935 का है. भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेदों में से लगभग 250 अनुच्छेद ऐसे हैं, जो 1935 ई० के अधिनियम से या तो शब्दश: लिए गए हैं या फिर उनमें बहुत थोड़ा परिवर्तन किया गया है.

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