केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 28 नवम्बर 2018 को मंडी में हिमाचल प्रदेश के लिए आपात प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) की शुरूआत की. ईआरएसएस के अंतर्गत अखिल भारतीय एकल आपात नंबर ‘112’ की शुरूआत करने वाला हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है.
इस एक नम्बर (112) पर फोन कर राज्य के लोग पुलिस, अग्निशमन सेवा, स्वास्थ्य और अन्य हेल्पलाइन से संपर्क कर सकेंगे. इस सेवा का लाभ लेने के लिए राज्य के लोगों को गूगल और एप्पल के स्टोर पर ‘112 इंडिया’ एप डाउनलोड करनी पडेगी.
अखिल भारतीय एकल आपात नंबर ‘112’ की शुरूआत:
• यह एकल आपात नंबर ‘112’ आपात प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) का हिस्सा हैं.
• इस सेवा में ‘112 इंडिया’ मोबाइल ऐप भी शामिल किया गया है जिसे स्मार्ट फोन के पेनिक बटन और तत्काल सहायता प्राप्त करने में नागरिकों की सुविधा के लिए ईआरएसएस राज्य वेबसाइट से जोड़ा गया है.
• आपात प्रतिक्रिया की प्रभावशीलता में वृद्धि के लिए आपात प्रतिक्रिया केन्द्र (ईआरसी) को दूरंसचार सेवाओं प्रदाताओं द्वारा लोकेशन आधारित सेवाओं से जोड़ा गया है.
• महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘112 इंडिया’ में एक एसएचओयूटी फीचर की शुरूआत की गई है ताकि आपात प्रतिक्रिया केन्द्र से मिलने वाली तत्काल सहायता के अलावा आसपास पंजीकृत स्वयंसेवियों से तत्काल सहायता मिल सके. एसएचओयूटी फीचर विशेष रूप से महिलाओं के लिए उपलब्ध है.
सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में ‘112 इंडिया’ मोबाइल ऐप शुरू:
एकीकृत आपात सेवाओं तक पहुंच के लिए देशभर में लोगों की मदद के लिए सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में ‘112 इंडिया’ मोबाइल ऐप शुरू किया जाएगा.
321.69 करोड़ रुपये आवंटित:
केन्द्र सरकार ने देशभर में ईआरएसएस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए निर्भय कोष के अंतर्गत 321.69 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
केन्द्र सरकार ने इस परियोजना के लिए 4.71 करोड रूपये की वित्तीय सहायता दी है. केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक बटालियन की मंजूरी दी और राज्य पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए 4 करोड 20 लाख रूपये की वित्तीय सहायता दी है.
शिमला में एक आपात कार्रवाई केन्द्र स्थापित:
इस परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश के राजधानी शिमला में एक आपात कार्रवाई केन्द्र स्थापित किया गया है जो 12 जिला नियंत्रण केन्द्रों से जुडा है. नियंत्रण कक्ष आधुनिक सुविधा से लैस हैं. हर पुलिस थाना की गाड़ी में मोबाइल टर्मिनल डिवाइस लगाए गए हैं. गाड़ी में मौजूद पुलिस कर्मी को हर कॉल व सहायता मांगने वाले की लोकेशन की जानकारी मिलती रहेगी. नियंत्रण कक्ष से उस क्षेत्र के आसपास मौजूद गाड़ी को तुरंत मौके पर रवाना किया जाएगा.
आपातकालीन नम्बर 112 को पुलिस नियंत्रण कक्ष के नम्बर (100), अग्निशमन सेवा (101) महिला हेल्पलाइन (1090) तथा अन्य हेल्पलाइन से जोडा गया है. इस सेवा की मोबाइल एप को स्मार्ट फोन के पेनिक बटन से भी जोडा गया है. इस सेवा के शुरू होने के बाद लोगों को विभिन्न हेल्पलाइन से संपर्क करने के लिए अलग अलग नम्बर याद नहीं करने पड़ेंगे.
तत्काल सहायता मिलेगी:
इससे देशभर में चौबीस घण्टे प्रभावी प्रतिक्रिया प्रणाली के लिए केवल एक आपातकालीन नम्बर की सुविधा प्राप्त होगी, जो आपदा अथवा आपति में नागरिकों की सेवा के लिए वायस कॉल, एसएमएस, ई-मेल, सार्वजनिक परिवहन इत्यादि में पैनिक बटन जैसी विभिन्न वायस एवं डाटा सेवाओं से इनपुट प्राप्त कर सकेगा. इस प्रणाली को वायस अथवा डाटा से जोड़ कर विप्पति में व्यक्ति के स्थल की पहचान करेगी तथा मुसीबत में व्यक्ति को तत्काल सहायता प्रदान करेगी.